अकेलापन

किसी का साथ ना होना अकेलापन नहीं कहलाता,
अकेलापन होता है वो जब तुम अपने लोगों से घिरे हुए हो और उसके बावजूद भी ख़ुद को तन्हा महसूस करों ।
इस अकेलेपन की कोई उम्र नहीं होती,
ये होने को कुछ घंटों में ख़त्म हो जाता है और ना होने को चलता रहता है कई वर्ष ।
मेरे और इस अकेलेपन के साथ को भी काफ़ी वक्त हो चुका है,
मतलब कुछ यूं समझ लीजिए कि मैं कई दफ़ा इस रिश्ते की सालगिरह मना चुका हूँ ।
मैं इतने अकेले रहा की मैंने घर में पड़ी उन दो चार किताबों को इतनी दफा पढ़ दिया कि अब वें मुझे हर्फ-ब-हर्फ मुंहजबानी याद हैं।
इस अकेलेपन ने मुझे अजीब कर दिया,
इतना अजीब की मैंने ख़ुद को बर्बाद कर दिया और मुझे इसका कोई ग़म भी नहीं।
कहते हैं इस अकेलेपन में इंसान ख़ुद को जानने लगता है,
मगर मैं जब भी ख़ुद को जानने निकला ख़ुद को थोड़ा सा ‌भूल कर ही लौटा ।
अकेलेपन में हमारे पास करने को कुछ नहीं होता,
सिवाए अपने पुराने ज़ख्म कुरेदने के या फिर वे गलतियां याद करने के जो हमने अपने अब तलक‌ के जीवन में की ।
खैर,
मैं अब अपने इस अकेलेपन के साथ के रिश्ते को तोड़ने जा रहा हूँ,
मैं ख़ुद को खत्म करने जा रहा हूँ........

-तुम्हारा स्पर्श 🍂
#Meri_khani_wala

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